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नई दिल्ली: अमेरिका ने ईरानी जनरल को एयरस्ट्राक में मार गिराया है जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी देखी गई। अमेरिका के इस हमले का असर अब भारतीय एयरलाइन्स पर दिख सकता है। अगर तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो पहले से ही घाटा झेल रहीं एयरलाइन कंपनियों की मुसीबत बढ़ सकती है। एयरलाइन अधिकारियों के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से एक-दो विमान कंपनियों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।इसके साथ ही अगर तेली कीमतों में तेजी आत है तो देश में महंगाई बढ़ेंगी जिसका सीधा असर आम जनता पर होगा। कीमतें बढ़ने से कई चीजों के दाम बढ़ेंगे। रुपए के और कमजोर होने की संभावना बढ़ जाएगी।एक रिपोर्ट में विमान कंपनी की अधिकारियों के लिए हवाले से कहा गया है कि अगर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव जारी रहता है और इस बीच कच्चे तेल का भाव 70-72 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है जिसकी वजह से कम से कम विमान कंपनी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। इस अधिकारी ने कहा कि यह एक बड़ी चिंता है। किसी भी युद्ध की आशंका में ट्रैवल डिमांड भी घट जाता है।बता दें कि शुक्रवार को अमेरिका द्वारा इस अटैक के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। भारतीय विमान कंपनियों का एक तिहाई खर्च जेट ईंधन पर होता है। इसके पहले जब कच्चे तेल का भाव 65-66 डॉलर प्रति बैरल के करीब था तब भी इन घरेलू विमान कंपनियों के लिए परेशानियां खड़ी हो गई थी।इंडिगो और गोएयर के खर्च में इसलिए भी इजाफा हुआ, क्योंकि उन्हें Airbus 320Neo एयरक्राफ्ट के लिए Pratt and Whitney (P&W) engines को बदलना पड़ा है। स्पाइसजेट को Boeing 737MAX एयरक्राफ्टी डीलिवरी में देरी होने से परेशानी हुई है।एक अनुमान के मुताबिक, भारतीय एयरलाइन्स को वित्त वर्ष 2020 में करीब 4,273 करोड़ रुपये का घाटा होने वाला है। इसके पहले वित्त वर्ष में उन्हें 3,561 करोड़ रुपये से लेकर 4,985 करोड़ रुपये मुनाफा हुआ था। यह अनुमान कच्चे तेल की कीमतों को ध्यान में रखकर लगाया गया है।ये कंटेंट UC के विचार नहीं दर्शाता हैसंदर्भ पढ़ें 18
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